आजुक कमौआ पूत
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पूत कमौआ बनलौ बौआ.
टाका खूब कमेलऊ,
मायक ममता बिसैरि क बौआ,
साउसे क माय बनेलऊ ?
कनियां बजली सुनू यौ प्रियतम ,
आहाक बहिन झनकटही ,
मारि लात बहिन स कहलऊ,
भाग एतय स बतही|| ||
बाबूजी रिटायर भ बैसला,
अर्थक मारल चोट स खसला,
सोचलनि बेटा काज देत ,
से मोनही-मोन बिचारि क राहला |
घर मे T. V. पलंग लगा क,
एंड्राईड(android) हाथ मे धेलउ,
सार -ससुर सब लअग बजा का,
हुनको भार उठेलऊ ?
मायक आंचर चिन्हियौ बौआ,
पैर पकरि का खसियऊ ,
बाबूजी केर त्याग क बुझियऊ,
उठि- बईस कान पकरियऊ,
बौआ उठि-बैस कान पकरियऊ,
बौआ उठि-बैस कान पकरियऊ||
- मनीष झा
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पूत कमौआ बनलौ बौआ.
टाका खूब कमेलऊ,
मायक ममता बिसैरि क बौआ,
साउसे क माय बनेलऊ ?
कनियां बजली सुनू यौ प्रियतम ,
आहाक बहिन झनकटही ,
मारि लात बहिन स कहलऊ,
भाग एतय स बतही|| ||
बाबूजी रिटायर भ बैसला,
अर्थक मारल चोट स खसला,
सोचलनि बेटा काज देत ,
से मोनही-मोन बिचारि क राहला |
घर मे T. V. पलंग लगा क,
एंड्राईड(android) हाथ मे धेलउ,
सार -ससुर सब लअग बजा का,
हुनको भार उठेलऊ ?
मायक आंचर चिन्हियौ बौआ,
पैर पकरि का खसियऊ ,
बाबूजी केर त्याग क बुझियऊ,
उठि- बईस कान पकरियऊ,
बौआ उठि-बैस कान पकरियऊ,
बौआ उठि-बैस कान पकरियऊ||
- मनीष झा
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