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तमिलनाडुक हिन्दमहासागर तट पर अवस्थित एहि ज्योतिर्लिंगक कथा निम्न प्रकारक अछि :-
जखन भगवान श्री रामचन्द्रजी लंका पर चढ़ाई करबा लेल जा रहल छलाह ताहि समय ओ एहि समुद्रक तट पर बालू सँ शिवलिंग बनाकऽ हुनक पूजन कएने छलाह, पूजा सँ प्रसन्न भऽ भगवान शिव रावण पर विजय प्राप्त करबाक वरदान देने छलथिन्ह । श्री राम के अनुरोध पर भगवान शिव लोक कल्याणार्थ ज्योतिर्लिंग कें रूप मे ओहि स्थान पर निवास करबाक प्रार्थना स्वीकार कऽ लेलनि। ताहि दिन सँ ई ज्योतिर्लिंग एहि स्थान पर रामेश्वरक नाम सँ विराजमान छथि ।
ॐ शुक्लांब्रह्मविचारसार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं I वीणापुस्तक धारिणींमभयदां जाड्यान्ध्कारापहाम् II हस्तेस्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मसनेसंस्थितां I वन्देतांपरमेश्वरींभगवतीं बुद्धिप्रदाम शारदाम् II
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
पग पग पोखैर पान मखान , सरस बोल मुस्की मुस्कान, बिद्या बैभव शांति प्रतिक, ललित नगर दरभंगा थिक l
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हमअहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
अहांक स्वागत अछि.अहां सभ अपन विचार... सुझाव... कमेंट(मैथिली या हिन्दी मै ) सं हमरा अवगत कराउ.त देर नहि करु मन मे जे अछि ओकरा लिखि कs हमरा darbhangawala@gmail.com,lalan3011@gmail.com पर भेज दिअ-एहि मेल सं अहां अपन विचार... सुझाव... कमेंट सं हमरा अवगत कराउ. सम्पर्क मे बनल रहुं. ..........
एकता विकास के जननी छै
जय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
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अपनेक सुझाव वा कोनो नव जानकारी निचा मै जरुर लिखू l
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