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महाराष्ट्रक वेरूल गाँवक पास अवस्थित एहि ज्योतिर्लिंगक कथा पुराण मे निम्न प्रकार सँ अछि-
प्राचीन समय मे देवगिरि पर्वत के समीप सुधर्मा नामक एक अत्यन्त तेजस्वी तपोनिष्ट ब्राह्मण रहैत छलाह । हुनक पत्नीक नाम सुदेहा छलनि । सन्तान नहि होमय के कारण सुदेहा सुधर्माक विवाह अपन छोट बहीन घुश्मा सँ करा देलथिन । शिव भक्त घुश्मा एक पुत्र के जन्म देलनि । किछु वर्षक बाद सुदेहा कें घुश्मा सँ ईर्ष्या होबय लगलनि । ओ घुश्माक जवान पुत्र के मारि कें पोखरि मे फेकि देलनि । एहि बात पर घर मे कोहराम मचि गेल । लेकिन घुश्मा प्रतिदिन जेना शिवक पूजा-अर्चना मे लीन रहथि । एहि सँ प्रसन्न भगवान शिव मारि देल गेल पुत्र के पुनः जीवन दान दऽ इच्छित वरदान माँगय के लेल कहलथिन्ह । घुश्मा कहलथिन्ह - ज्येष्ठ बहीन सुदेहा के माफ कऽ देल जाए आओर लोकक कल्याणक लेल अपने सदा सर्वदा के लेल एहि स्थान पर निवास कयल जाय । भगवान शिव हुनक दुनू बात के मानि ज्योतिर्लिंग के रूप मे प्रकट भऽ ओहि स्थान पर निवास करय लगलाह । सती शिवभक्त घुश्माक आराध्य देव होयबाक कारण ओ एहि स्थान पर घुश्मेश्वर महादेव के नाम सँ विख्यात भेलाह ।
ॐ शुक्लांब्रह्मविचारसार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं I वीणापुस्तक धारिणींमभयदां जाड्यान्ध्कारापहाम् II हस्तेस्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मसनेसंस्थितां I वन्देतांपरमेश्वरींभगवतीं बुद्धिप्रदाम शारदाम् II
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
पग पग पोखैर पान मखान , सरस बोल मुस्की मुस्कान, बिद्या बैभव शांति प्रतिक, ललित नगर दरभंगा थिक l
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हमअहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
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एकता विकास के जननी छै
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