(३) महाकालेश्वर :-
मध्यप्रदेशक उज्जैन नगर मे अवस्थित एहि ज्योतिर्लिंगक कथा पुराण मे एहि प्रकार सँ अछि:-
प्राचीन काल मे उज्जयिनी मे राजा चन्द्रसेन राज्य करैत छलाह ।
ओ परम शिव भक्त छलाह ।
राजाक शिव भक्ति सँ प्रभावित भऽ कऽ एक पाँच वर्षक ग्वालाक लड़का शिव भक्ति मे निमग्न भऽ गेल । भक्ति मे मगन ओ बालक खेनाई के सेहो बिसरि गेल छल । एहि पर कुपित भऽ माय ओहि शिव लिंग रूपी पत्थर के फेकि देलकनि । बालक भगवान शिव के नाम बजैत बेहोश भऽ खसि परल । किछु समय बाद होश एलाक बाद ओ सामने बहुत सुन्दर आओर बहुत विशाल सुवर्ण रत्न सँ जटित मन्दिर देखलनि । मन्दिर के भीतर प्रकाश पूर्ण, भास्वर तेजस्वी ज्योतिर्लिंग स्थापित छल। ताहि दिन सँ एहि ज्योतिर्लिंगक पूजा शुरू भेल। उज्जयिनी नाम सँ विख्यात ई नगर भारतक परम पवित्र सप्तपुरी मे एक अछि ।
ओ परम शिव भक्त छलाह ।
राजाक शिव भक्ति सँ प्रभावित भऽ कऽ एक पाँच वर्षक ग्वालाक लड़का शिव भक्ति मे निमग्न भऽ गेल । भक्ति मे मगन ओ बालक खेनाई के सेहो बिसरि गेल छल । एहि पर कुपित भऽ माय ओहि शिव लिंग रूपी पत्थर के फेकि देलकनि । बालक भगवान शिव के नाम बजैत बेहोश भऽ खसि परल । किछु समय बाद होश एलाक बाद ओ सामने बहुत सुन्दर आओर बहुत विशाल सुवर्ण रत्न सँ जटित मन्दिर देखलनि । मन्दिर के भीतर प्रकाश पूर्ण, भास्वर तेजस्वी ज्योतिर्लिंग स्थापित छल। ताहि दिन सँ एहि ज्योतिर्लिंगक पूजा शुरू भेल। उज्जयिनी नाम सँ विख्यात ई नगर भारतक परम पवित्र सप्तपुरी मे एक अछि ।
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