समस्त मिथिला बंधुगनकें "ललन दरभंगावालाक" प्रणाम...मैथिल छी हम इए हमर पहचान" अपनें समस्त Site Viewers कें हमर एहि ब्लॉग पर बहुत बहुत स्वागत अछि" हम अपने सभक लेल ब्लॉग प्रस्तुत केने छी,तही हेतु इ ब्लॉग पर एक बेर जरुर धयान देब ...और अपन सुझाब ,कोनो तरहक रचना,चुटकुला वा कोनो तरहक समाचार जरुर मेल करब....
मध्यप्रदेशक पवित्र नर्मदा नदीक तटपर अवस्थित एहि ज्योतिर्लिंगक कथा पुराण मे एहि तरहक अछि :-
प्राचीन समय मे महाराज मांधाता एकटा पर्वत पर बैसि तपस्या सँ भगवान शिव के प्रसन्न केने छलाह, एहि सँ इ पर्वत मांधाताक नाम सँ विख्यात भेल । भगवान शिव ज्योतिर्लिंगक रूप मे एहि स्थान पर प्रकट भेलाह ताहि हेतु सम्पूर्ण मांधाता पहाड़ कें शिव के रूप मानल जाइत अछि । एहि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कें दू रूप छनि, एहि के वर्णन निम्नलिखित अछि :- विंध्य पर्वत भगवान शिवक आराधना कयलनि। ओ प्रकट भऽ मनोवांछित वरदान देलथिन्ह । एहि अवसर पर आयल मुनि लोकनिक आग्रह पर अपन ओंकारेश्वर नामक लिंग के दू भाग मे कऽ देलनि । एक के नाम ओंकारेश्वर तथा दोसर के नाम अमलेश्वर भेलनि । दुनू लिंगक स्थान आओर मन्दिर अलग-अलग रहलौ पर दुनूक सत्ता-स्वरूप एक अछि ।
ॐ शुक्लांब्रह्मविचारसार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं I वीणापुस्तक धारिणींमभयदां जाड्यान्ध्कारापहाम् II हस्तेस्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मसनेसंस्थितां I वन्देतांपरमेश्वरींभगवतीं बुद्धिप्रदाम शारदाम् II
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
पग पग पोखैर पान मखान , सरस बोल मुस्की मुस्कान, बिद्या बैभव शांति प्रतिक, ललित नगर दरभंगा थिक l
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हमअहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
अहांक स्वागत अछि.अहां सभ अपन विचार... सुझाव... कमेंट(मैथिली या हिन्दी मै ) सं हमरा अवगत कराउ.त देर नहि करु मन मे जे अछि ओकरा लिखि कs हमरा darbhangawala@gmail.com,lalan3011@gmail.com पर भेज दिअ-एहि मेल सं अहां अपन विचार... सुझाव... कमेंट सं हमरा अवगत कराउ. सम्पर्क मे बनल रहुं. ..........
एकता विकास के जननी छै
जय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
अपना भाषा मै लिखू अपन बात
अपनेक सुझाव वा कोनो नव जानकारी निचा मै जरुर लिखू l
0 पाठकक टिप्पणी भेटल - अपने दिय |:
एक टिप्पणी भेजें