जय मैथिली" जय मिथिला" जय मिथिलांचल" !!!जय श्यामा माई !!!!!सुस्वागतम- सुस्वागतम!!! समस्त पाठकगन के ब्लॉग पर स्वागत अछि |
समस्त मिथिला बंधुगनकें "ललन दरभंगावालाक" प्रणाम...मैथिल छी हम इए हमर पहचान" अपनें समस्त Site Viewers कें हमर एहि ब्लॉग पर बहुत बहुत स्वागत अछि" हम अपने सभक लेल ब्लॉग प्रस्तुत केने छी,तही हेतु इ ब्लॉग पर एक बेर जरुर धयान देब ...और अपन सुझाब ,कोनो तरहक रचना,चुटकुला वा कोनो तरहक समाचार जरुर मेल करब....

जालवृत्तक संगी - साथी |

अहाँक सुझाव

मेरा उद्देश्य यूवा पिढी को जागरूक करना है ...........

हमारा मिथला समाज बहुत विशाल हैं ! और हम इस समाज के अंश हैं इस बात का हमें गर्व हैं ! पर हम और आप कभी इस समाज के उद्धार के बारे में सोचने के लिए समय नहीं हैं ! हर कोई अपने काम में व्यस्त हैं ! हमारे समाज ने कई संश्थाये और ट्रस्ट बनाये है पर क्या वो अपना काम कर रहे हैं ! सब मेले कर रहे हैं ! सम्मेल्लन कर रहे हैं ! पर जो समाज की मुलभुत जरूरते हैं उनकी और कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं ! में यह नहीं कहता की मेले मत करो पर दो दूसरी समस्याए हैं उनको भी देखो! मेले और अन्य गतिविधियों में हर साल करोडो का व्यर्थ खर्च होता हैं ! अगर उसका कुछ भाग भी समाज की मुख्या जरूरतों में उपयोग करे तो अवश्य ही हमारे समाज का उत्थान होगा ! कई महिलाये दहेज़ के लिए जला दी जाती हैं ! अभी में कई लडकिया शिक्षा से वंचित रह जाती हैं क्योंकि या तो उनके पास इतना धन नहीं होता की वो पढ़ सके या फिर हमारे समाज की पुराने रीती रिवाज में फस के रह जाती हैं !हमारे समाज में अभी कई घर ऐसे हैं जिनको जरुरत का खाना भी नहीं मिल पता हैं वोह क्या शिक्षा ले पाएंगेकई लोग बिना रोजगार के गावो में घूमते रहते हैं !   हमारे समाज में शिक्षा , बालिका शिक्षा , दहेज़ मुक्ति , सामूहिक विवाह , बेरोजगारी निदान जैसी कुछ जरूरते हैं उनकी और ध्यान दे ! मेरा उद्देश्य किसी भी ट्रस्ट की या संस्था की भावनायो को ठेस पहुचना नहीं हैं बस में इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी समाज बंधुयो का ध्यान इन समस्यायों की  और आकृषित करना चाहता हूँ ! हम सब अपने काम में व्यस्त हैं ! कुछ समय समाज के लिए निकाले और समाज के उत्थान में सहयोग करे ! अपने समाज की बहुत अच्छी बाते भी हैं पर हमें उन मुद्दों पर ध्यान देना हैं जो हमारे समाज के लिए नासूर बने हुए हैं !

जय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
संपर्क सूत्र :ललन चौधरी "दरभंगावाला "
मोबाइल : + 919324620940
इ -मेल :lalan3011@gmail.com 
darbhangawala@gmail.com





केओ मुंबई केओ दिल्ली केओ पंजाब,परवल आ देशक अन्य भाग सों मिथिला प्रेमी सब आवाज़ उठा रहल छैथ , जे मिथिलाराज बनना चाही, केओ कहैछैथ मिथिला राज लईये क छोड़बैन्ह. मुदा हमरा विचार सों समादे दही नैहि जन्मय (जमय) छैक ताहि लेल जोरन देबयटा परे छैक. ई त ऐना भेल जे घमासान लड़ाई मचल छैक सरहद पर आ फटक्का फोड़य छी गाम में. राज चाही बिहार में आ संस्था खोलने छी = मुंबई / गुजरात / दिल्ली / कोलकाता में. ???????????????? इतिहास गवाह छैक आई धैर जतेक राज्यक स्थापना भेल अछि ताहि में बहुतो के अप्पन प्राणक आहुति देब पडलयन तहन जा क सफलता भेटलैक अछि, गोरखालैंड, तेलंगानाक स्थिति आइंखक आगू अहि, भारत के आर दोसरो भाग में कतेक संघर्ष भ रहल छैक कतेक लोक आत्मदाह केलक कतेक गोली लाठी खा क अपना प्राणक आहुति देलक मुदा स्थिति जस के तस. भगवती नैह चाहैथ जे मिथिलांचल में एहन स्थितिक सर्जना होइक . मैथिली भाषा , मैथिलि संस्कृतिक जे ह्रास भ रहल छैक तेकर जिम्मेदार के ?मैथिली भाषा / मैथिली संस्कृति एखन अति संकट ग्रस्त अछि एक त दोसर आंचलिक भाषा (बोली) केर घुस-पैठ दोसर मैथिली भाषा के लोक मात्र ब्राह्मणक भाषा बुझैत छैक से किये ? जनगणना काल में गैर ब्राह्मण अप्पन मातृ भाषा हिंदी लिखबय छैथ से किया ? अहि विषय पर मिथिला राज के नाम पर ढोल पीट वला झंडावरदार सब के चाईक आ संज्ञान में छैन्ह ?. सबस पैघ मुद्दा जे जे मिथिला राज चाही त किएक , केकरा लेल केकरा द्वारा..? मिथिलाक युवक सब पलायन क रहल अछि होनहार विद्यार्थी सबके अप्पन गाम घर छोइड क बनवास लेव लेल मजबूर होम पैड रहल छैक अशिक्छा , बेरोज़गारी , रोग , भूख स्वास्थ्य के समस्या , मिथिलांचलक परिचय होइत छलैक दही, माछ , पान , मखान आ तिलकोरक पात सों मुदा महिषक थन सुखा गेल, माछ चैढ गेल गाछ पर, बारी मुका पानक पात मौला गेल, मखान अहि मचान पर, तिलकोरक पात सुखा गेल ! लोकक दरवज्जा पर सों महिस , गाय , बकरी पठरु सब हेरा गेल , जलचर सुखा गेल अहांके माछ अबैया आंध्रा सों, तरकारी अबैया बर्धमान (बंगाल) सों, अडिया करिकवा छागर (खस्सी) अबैया राजस्थान सों जों अहाँ सब किछ खाई छी त भैंस पोसय किया नैह छी , मुर्गा मान्छ पालय किया नैह छी ? हिनका सबके मिथला राज चाही.... ओ जमाना गेल जे दलानक खाट पर बैस क तमाकुल चुना रहल छी , तास फेटा रहल अछि ,भांग घोटा रहल अछि , खेत बटायदार करैया अधा अन्न आँगन में पंहुचा जैत छल आब ओ सब किछ स्वयं करब तखने जीवित रहब बहुत दिन परजीवी रहलों आब जमाना संगे चलवाक प्रयास करू . हिनका सबके मिहीला राज चाही..... व्यथा एतब्या नैह अछि गामक कृषक सबहक सहयोगी सेहो किछ बेसी पाई कम्या दुआरे पैन्जाब चल गेल आश्चर्य होइया , पैन्जाब में ८ घंटा के बदले २४वीसों घंटा काज क र परैत छैन्ह खेते में रह लेल खोपरी बना देत छैन्ह, तैयो खुश छैथ. राइत क खेतक मालिक सरदार सब दारु हफिंग खा क अबै छैन्ह आ मारबो पिटबो करै छैन्ह मुदा तैयो खुश ! मुदा अपना गाम में रही ८ घंटा ड्युटी क परिवार संगे रहब से नैह . गाम में युवा सबहक अकाल भ गेल छैक अप्पन जमीन जथा बटैया लगा क केवाड में एक सेरक ताला मायर क मुंबई चल जेता दरवानी क र , दिल्ली में तरकारी बेचता , कोलकाता में भंसियाक (महराज) काज करताह , बर्तन मलता , गाडी धुलाई करता परन्तु अपना गाम में रही अपना जमीन पर अप्पन पसीना नैह बहेता... अहि विषय पर मिथिलाक बुद्धिजीवी विद्वान सबके एक छत्ता तर में आब पड़तैन्ह . चाहे ओ कोनो समुदाय सों होइथ . हम मिथिला समाजक लोक सब सों पूछ चाहबैन्ह आ क ह चाहबैन्ह जे एहन स्थिति केर सृजना भेल कोना? आ एकर निवारण कोना होएत ताहि पर मंथन चिंतन केनाई अति आवश्यक अछि...पहिने घर दुरुस्त करू/ गाम दुरुस्त करू/ पंचायेत/छेत्र/ जिल्ला/ गरीबी कुपोषण,अशिक्छा, प्रयावरण, समाज में सुख, समृधि कोना पसरत जाही मिथिला में अप्पन भाषा , अपना संस्कृति के अवहेलना भ रहल अछि अहि सबके प्रतिष्ठित करू पहिने घर मजबूत करू अहि चिंता जनक स्थिति पर ध्यान केन्द्रित केनाई आवश्यक छैक नैह की मिथिला राज पर.... अहि मिथिलांचल धरती कहियो सोन चिरय कहावैत छल मुदा अहि समाजक गद्दार बइमान सब मिल क ओही सोन चिरय के पैंख नोइच नोइच क लहू लहुहान क देलकय आब मात्र एक्केटा उपाय अछि, अप्पन खून पसीना रूपी मेहनत के मलहम बना क ओही सोन चिरय के घाऊ पर लगा क सोन चिरय के ठीक करी दुरुस्त करी आ ओही सोन चिरय के आकाश में परवान चढ़हैत देखी जाहि सों ई मिथिलाक पावन धरती फेर सों सोन चिरय कहावय .. जय मैथिलि जय मिथिला..."'.स्वर्ग सन मिथिला धाम अप्पन गाम स्वर्ग नाचे धरती पर..सांझ खान सोहर के तान पराती भोर भिसर.".... जे मैथीली
 
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 कॅरियर की रौशन दिवाली by Anant Kumar

आज के दौर में हर कोई तेजी से तरक्की चाहता है। इस तरक्की के लिए मेहनत के साथ बेशुमार टैलेंट की भी दरकार होती है। इसकी मदद से न केवल आप कामयाबी के शिखर छू सकते हैं, बल्कि जिंदगी की हर सुख-सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं। बस जरूरत है तो अपने अंदर छिपे हुए हीरो को पहचानने की। केवल कामयाबी ही नहीं, यहां ग्लैमर व रूतबे का स्तर भी कुछ इतना ज्यादा है कि आप चाहें तो रातों-रात स्टार बन सकते हैं। लेकिन कॅरियर की यह राह आम परंपरागत जगहों से नहीं गुजरती, बल्कि इसके लिए आपको खुद को कॅरियर कीे कुछ गैरपरंपरागत राहों को आजमाना होगा। ऐसे में यदि क्षमताएं हैं और आपको लगता हैकि इन क्षमताओं के बूते आप कामयाबी की अंतिम हद तक पहुंच सकते हैं तो फिर यह क्षेत्र केवल आपके ही लिए है। जी हां, दीपावली के इस खास अवसर पर हम ऐसे ही कॅरियर्स की बात कर रहे हैं, जिसमें एक सफलता आपकी जिंदगी में शोहरत व स्थायित्व का उजाला भर सकती है।

एक्टिंग: टैलेंट का फायरव‌र्क्स
शोहरत की सीढियों की राह देने वाला यह क्षेत्र आज प्रोफेशनल कॅरियर की लिस्ट में तेजी से बढता क्षेत्र है। इस फील्ड में कदम रखकर आप बहुत कम समय में देश के करोडो लोंगों की धडकन बन सकते हैं। साथ ही यहां फेम का लेवल कुछ इतना जोरदार होगा कि आप बिल्कुल दिवाली की रात की आतिशबाजी की तरह पल भर में पूरे आसमां को अपनी गिरफ्त में ले सकेंगे। आज की तारीख में यहां प्रसिद्धि, पैसा, ब्रांड वैल्यू का क्रेज युवाओं के सिर चढकर बोल रहा है। यही कारण है कि साल दर साल इस क्षेत्र में किस्मत आजमाने मुंबई आ रहे युवाओं की संख्या बढ रही है। यह ठीक है कि कॅरियर के शुरुआती दिनों में इन युवाओं को स्ट्रग्लर ही कहा जाता है। लेकिन हर स्ट्रगलर में कल का शाहरूख व अक्षय छिपा हुआ होता है। इसलिए इस फील्ड में कल का हीरो वही है, जो आज के स्ट्रगल के अंधेरों को अपनी चमक से बेधने की क्षमता रखता है। मीडिया इंटरटेनमेंट के फील्ड में बात केवल फिल्म इंडस्ट्री, बॉलीवुड पर ही खत्म नहीं हो जाती। आज के केबल एरा में जब लगभग हर रोज नए-नए इंटरटेनमेंट चैनल लॉन्च हो रहे हैं- टीवी इंडस्ट्री भी युवाओं के ख्वाबों को नई धार दे रही है। फिक्की व केपीएमजी की एक रिपोर्ट इस क्षेत्र के आने वाले 5 सालों में 13 फीसदी सालाना की दर से बढने की तस्दीक करती है। वहीं फिल्म उद्योग (सीआइआइ के एक सर्वे के मुताबिक) आने वाले सालों में 25 प्रतिशत की दर से आगे बढेगी। ऐसे में माना जा सकता है कि युवा दमदार प्रतिभाओं की भारी मांग के बीच आप भी इस फील्ड में अपनी रौशनी िाखेर सकते हैं।
सिंगिंग-सुरों की रौशनी में कॅरियर की चमक
सिंगिंग किसी जमाने में लोगों के शौक पूरा करने का जरिया भर मानी जाती थी, पर आज तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। मन बहलाने का यह शौक इन दिनों स्टेब्लिश कॅरियर की पक्की गारंटी बन रहा है। उस पर कुछ हटके की बढती मांग ने इस फील्ड में युवा गायकों को नए अवसरों से नवाजा है। इन दिनों फिल्म, टीवी, रियलटी शोज, जिंगल्स में सुनाई देने वाली ताजादम आवाज इन बढते अवसरों की बानगी भर है। सोनू ककक्ड, ममता शर्मा, मोहित चौहान, कार्तिक, ऋतु पाठक आज ऐसे ही कलाकारों में शुमार होते हैं, जिन्होंने गायकी में अपने कॅरियर का लॉन्चिग पैड ढूंढा और अंधेरे आसमां को अपने टैलेंट की छटा से सराबोर कर दिया। अगर आपकी रुचि इस क्षेत्र में है, तो आप आपनी मेहनत से सफल हो सकते हैं। इसमें इंट्री के लिए देश भर में कई ट्रेनिंग संस्थान भी हैं, जहां संगीत के सुरों का ज्ञान प्राप्त करके अपनी मधुर आवाज से लोगों को गुनगुनाने के लिए मजबूर कर सकते हैं।
लेखन: शब्दों के दिये, कामयाबी की लौ
लेखिका अरूं धती रॉय क ा नाम जब-जब लिया जाएगा, उनके साथ बुकर प्राइज का जिक्र भी जरूर होगा। अपनी पहली ही कृति के साथ साहित्य जगत में छा गई अरूं धती की प्रतिभा शौकिया लेखन में ही दम तोड चुकी होती, यदि उन्होंने वक्त रहते अपने इस टैलेंट को न पहचाना होता। केवल एक अरूंधती रॉय ही क्यों, विक्रम सेठ, वीएस नॉयपाल, चेतन भगत, झुम्पा लाहिडी, प्रसून जोशी, अभिजात जोशी, इरशाद कामिल जैसे गिफ्टेड लेखकों की एक पूरी जमात तैयार हो चुकी है, जो इन दिनों लेखन जगत में पैसा व प्रतिष्ठा के साथ नए संबध गढ रहे हैं। शायद यही कारण है कि इस लाइन को कुछेक सालो में बतौर कॅरियर अपनाने व कामयाब होने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढी है। अगर आपकी लेखनी दमदार और धारदार है, तो आप अपनी इस क्षमता का उपयोग करके राइटिंग क्षेत्र में कॅरियर की नई इबारत लिख सकते हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कामयाब होने के बाद लेखन को कई युगों तक आनेवाली जेनरेशन पढती रहती है। यही कारण है कि साहित्य के नोबेल प्राइज विजेता टैगोर की गीतांजली को हर युवा पढना चाहता है और उसी की तरह लिखने के लिए कठिन मेहनत करता है। अगर लोगों की बातों को प्रभावी ढंग से आप लेखनी में
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II श्री सरस्वत्यै नमः II

II श्री सरस्वत्यै नमः II
ॐ शुक्लांब्रह्मविचारसार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं I वीणापुस्तक धारिणींमभयदां जाड्यान्ध्कारापहाम् II हस्तेस्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मसनेसंस्थितां I वन्देतांपरमेश्वरींभगवतीं बुद्धिप्रदाम शारदाम् II

माछक महत्व


हरि हरि ! जनम कि‌ऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पल‌इ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कब‌इ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खा‌एब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म कि‌ऎ लेल !
हरि हरि.



पग पग पोखैर पान मखान , सरस बोल मुस्की मुस्कान, बिद्या बैभव शांति प्रतिक, ललित नगर दरभंगा थिक l

कर भला तो हो भला अंत भले का भला

समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हमअहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........

अहांक स्वागत अछि.अहां सभ अपन विचार... सुझाव... कमेंट(मैथिली या हिन्दी मै ) सं हमरा अवगत कराउ.त देर नहि करु मन मे जे अछि ओकरा लिखि कs हमरा darbhangawala@gmail.com,lalan3011@gmail.com पर भेज दिअ-एहि मेल सं अहां अपन विचार... सुझाव... कमेंट सं हमरा अवगत कराउ. सम्पर्क मे बनल रहुं. ..........

एकता विकास के जननी छै

जय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)


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