बढ़ल परेशानी चढ़ल जवानी@प्रभात राय भट्ट
लालपुर के हम लालपरी ललमुनिया हमर नाम
रुसल फूलल सभक दिल
बह्लाबक अछि हमर काम
एक तेह हमर चढ़ल जवानी
दोसर जान मरैय सावनके पानी
हाय रामा.........................२
हाय रे हाय रे हाय रामा // २
बढ़ल परेशानी चढ़ल जवानी
कियो कहे दिलवरजानी
कियो कहे रुपकरानी
कियो कहे आबू एम्हर
कियो बजाबे ओमहर
हम जाऊ कोमहर कोमहर
हाय रामा .......................२
हाय रे हाय रे हाय रामा //२
कसमस चोली मरैय जान
घघरीमें उठल प्यारके तूफान
जान मरैय ठोरक लाली कानक बाली
केशक गजरा आईखक कजरा
आगू पाछु घुमैयसमूचा हिंदुस्तान
भेली रे भेली हम जवानी सं परेशान
हाय रामा ..................................२
हाय रे हाय रे हाय रामा .........//२
लच लच लचकैय पतरी कमरिया
देह सं ससरल जाईय हमर चुनरिया
कियो कहे आई लव यु
हेलो मैडम हाउ आर यु
निहायर २ मारे जुल्मी नजरिया
आगू पाछु करे समूचा दुनिया
हाय रामा ...........................२
हाय रे हाय रे हाय रामा ...//२
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हम
अहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
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एकता विकास के जननी छैजय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
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