HOLI @PRABHAT RAY BHATT

जीवन और रंग के बिच अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है,दोनों के भीतर एक दूसरेका अस्तित्व बिधमान रहता है,रंग जीवनको सरसरता प्रदान करता है और जीवन रंग को जीवंतता प्रदान करता है ! जन्म के साथ ही मनुष्य में रंग के प्रति उमंग और अनुराग पल्वित होने लगता है,इस सम्बन्ध को कायम रखने के बास्ते हम होली जैसे पर्व त्यौहार को सहृदय आलिंगन करते है,ताकि जीवन और रंग का समागम हो सके!इसे लोक भाषा में होरी कहते है जिसका अर्थ होता है ह का अर्थ आकाश र का अर्थ अग्नि वा तेज होता है ओ प्रणव और ई शक्ति का स्वरुप है !होरी का शाब्दिक अर्थ है सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड तेजपूर्ण होना !तो आइये हम लोग भी होरी खेलें:-होली कुञ्ज भवन खेलतु है नन्दलाल
लाले श्याम लाल भैली राधा
लाले सकल वृज्वाल होली कुंजभवन में
अवीर गुलाल रंग पिचकारी
सब लेलानी लेलेंन कर सम्हारी
मरतु है ताकि ताकि छातियाँ पर
चोली भेल गुलजार
होरी खेले राधा संग बन्सिधारी ..............
होरी है होरी है जोगीरा सारा रा रा रा ,,,,,,,,,
गाम आबिजाऊ हमर दुलरुवा पिया,आबिगेलई होली !!
अहि केर प्रेमक रंग स: रंगाएब हम अपन चोली !!
यी प्रेमक पाती में लिखरहल छि अपन अभिलाशाक बोली !!
अईबेर प्रभात भाईजी गाम अओता की नए पूछीरहल अछि फगुवा टोली !!
बौआ काका के दालान में बनिरहल अछि फगुवाक प्लान !!
चईल रहल छई चर्चा अहिके चाहे खेत होई या खलिहान !!
कनिया काकी कहै छथिन बौआ क देखला बहुते दिन भगेल !!
वित साल गाम आएल मुदा विना भेट केने चईल्गेल !!
अहाक संगी साथी सब एक मास पाहिले गाम आबिगेल्ल !!
अहाक ओझा २५ किल्लो क खसी आ भांगक पोटरी अहिलेल दगेल !!
गाम आबिजाऊ हमर दुलरुवा पिया जुड़ाउ हमर हिया !!
पूवा पूरी सेहो खिलाएब ,घोईर घोईर पियाएब हम अहाक भंग !!
अहि केर हाथक रंग स: रंगाएब हम अपन अंग अंग !!
रंग गुलाल अवीर उडाएब हम दुनु संग संग !!
प्रेमक रंग स: तन मन रंगाएब एक दोसर के संग संग !!
रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हम
अहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
अहांक स्वागत अछि.अहां सभ अपन विचार... सुझाव... कमेंट(मैथिली या हिन्दी मै ) सं हमरा अवगत कराउ.त देर नहि करु मन मे जे अछि ओकरा लिखि कs हमरा
darbhangawala@gmail.com,lalan3011@gmail.com पर भेज दिअ-एहि मेल सं अहां अपन विचार... सुझाव... कमेंट सं हमरा अवगत कराउ. सम्पर्क मे बनल रहुं. ..........
एकता विकास के जननी छैजय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
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