रंग गुलाल उड़ई अछि नभ में ,
नवतुरिया अछि करैत हुड़दंग,
सब के सब क्यो रंग लगाबैथ,
मोनतिरपित भेल देख अमंग ||2||
कयो भाँग केर पात खोंटई छथि,
कयो पात के पैन फुलाबैथ,
रगैड़ सिलौठ पर मोटका लोड़ही,
कैह क होली हईई जोश जगाबैथ ||2||
ठक्कन काका 8 लोटा पिब क,
कहलनि बच्चा आब करs बस,
पीब क घुड़कथि सब क्यो देखियौ,
जेम्हरे - तेम्हरे अछि ठ्स्सम -ठस ||3||
द क चोट ढोल पर देखियौ,
किर्तनियाँ सब होली गाबथि,
सररर गूँजै सब दिस,
दुखलोचन भैया कुर्ता फारथि||4||
जा कि माथ चढल भाँगगोलवा,
मलपुआ सिस सब भागल,
काकी - मैंयाँ छानि क थकली,
मुदा ओ कुलबा नै थाकल ||5||
कीर्तन करथि घूमि सब टोले,
सब क्यो नाचय अपने ताले ,
हाय रे होली के ई पाबनि,
आबै छै फेर एके साले साले ||6||
समस्त मित्र-बन्धु , भाई-बहिन के होली पाबनिक
अग्रिम शुभकामना |
•••••• Manish Jha
नवतुरिया अछि करैत हुड़दंग,
सब के सब क्यो रंग लगाबैथ,
मोनतिरपित भेल देख अमंग ||2||
कयो भाँग केर पात खोंटई छथि,
कयो पात के पैन फुलाबैथ,
रगैड़ सिलौठ पर मोटका लोड़ही,
कैह क होली हईई जोश जगाबैथ ||2||
ठक्कन काका 8 लोटा पिब क,
कहलनि बच्चा आब करs बस,
पीब क घुड़कथि सब क्यो देखियौ,
जेम्हरे - तेम्हरे अछि ठ्स्सम -ठस ||3||
द क चोट ढोल पर देखियौ,
किर्तनियाँ सब होली गाबथि,
सररर गूँजै सब दिस,
दुखलोचन भैया कुर्ता फारथि||4||
जा कि माथ चढल भाँगगोलवा,
मलपुआ सिस सब भागल,
काकी - मैंयाँ छानि क थकली,
मुदा ओ कुलबा नै थाकल ||5||
कीर्तन करथि घूमि सब टोले,
सब क्यो नाचय अपने ताले ,
हाय रे होली के ई पाबनि,
आबै छै फेर एके साले साले ||6||
समस्त मित्र-बन्धु , भाई-बहिन के होली पाबनिक
अग्रिम शुभकामना |
•••••• Manish Jha
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