चाँद भी फीका लगता है जब,
देखूँ उनकी सूरत ,
पल भर को जी करता है,
बना लूँ दिल में उनकी मूरत ||1||
देखूँ उनकी सूरत ,
पल भर को जी करता है,
बना लूँ दिल में उनकी मूरत ||1||
सपनों में हैरान है करती,
उनकी मधुर-मधुर मुस्कान,
उनके रूप का दर्शन पा के ,
मुर्दा जाग उठे शम्शान ||2||
उनकी मधुर-मधुर मुस्कान,
उनके रूप का दर्शन पा के ,
मुर्दा जाग उठे शम्शान ||2||
जब नागिन सी बलखा के ,
वो चलती है राहों में ,
दर्शण उस यौवन का जब हो,
खिलती कलियाँ है बाहों में ||3||
वो चलती है राहों में ,
दर्शण उस यौवन का जब हो,
खिलती कलियाँ है बाहों में ||3||
करूँ ध्यान मैं उनका जब-जब ,
दिल पागल हो जाता है ,
प्रेम का सागर छलके तब-तब ,
मन-मदिरा प्याला तोड़ छलकता है ||4||
दिल पागल हो जाता है ,
प्रेम का सागर छलके तब-तब ,
मन-मदिरा प्याला तोड़ छलकता है ||4||
पता नहीं भगवान नें कैसे ?
उनका रूप बनाया है ,
हिरणी जैसी चंचल है वो ,
सुंदर चपल जिसे बनाया है ||5||
उनका रूप बनाया है ,
हिरणी जैसी चंचल है वो ,
सुंदर चपल जिसे बनाया है ||5||
•••••••• Manish Jha
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