जय मैथिली" जय मिथिला" जय मिथिलांचल" !!!जय श्यामा माई !!!!!सुस्वागतम- सुस्वागतम!!! समस्त पाठकगन के ब्लॉग पर स्वागत अछि |
समस्त मिथिला बंधुगनकें "ललन दरभंगावालाक" प्रणाम...मैथिल छी हम इए हमर पहचान" अपनें समस्त Site Viewers कें हमर एहि ब्लॉग पर बहुत बहुत स्वागत अछि" हम अपने सभक लेल ब्लॉग प्रस्तुत केने छी,तही हेतु इ ब्लॉग पर एक बेर जरुर धयान देब ...और अपन सुझाब ,कोनो तरहक रचना,चुटकुला वा कोनो तरहक समाचार जरुर मेल करब....

जालवृत्तक संगी - साथी |

गुरुवार, 10 मई 2012

धनाकर ठाकुर जीक साक्षात्कार

धनाकर ठाकुर जीक साक्षात्कार लेलोऊ मेल आ मोबाइल पर गप क क आँहु हुनकर कहबी परि सके छी बस क्लिक करू 
http://www.mithilastate.in/interview

१. मिथिलाक मांग एतेक दिन स भ रहल अछि , बनबा में देरी किया ?

बहुत पुरान  मांग  छैक, क्षेत्र बहुत पैघ छैक, १९५० क दिन क नेता व्यवहारिक मांग नहीं के सत्यात्मक आ जनित भावनात्मक मांग उठा देलथि आ तथापि ओकर्न्हू अनुरूप नहीं सगठन बना बैसी  गेलथि ; असरि ई भेल जे प्रांतक मांग भाषाई अधिकारक मांग भय छोट भय गेल- १९९२ स हम एकरा सही राह पर ले जेबाक प्रयत्न के रहल छी .  भारत आ नेपाल दूनू दिशी ]मिथिला प्रांत बनत  देर जे भय जाय  बनत जरूर आ जतेक दिन में  कियो सोचि सकैत अछि  ओहीस जल्दी बनत -

२. मिथिलाक मांग के लेल बहुत संगठन अछि लेकिन किनको बिच तालमेल नई, कोसो  दूर किया ?

-अधिकांश मैथिल कार्यकर्त्ता मिथिला प्रांत क पक्ष में छथि  मुदा अधिकंश मैथिल संगठन एही स दूर रही गान-बजवान में लागल  पदाधिकारी सरकारक मत्री क आगाँ पाछाँ करक आदि भय गेल  छथि 
अधिकांश संगठन समाज क प्रतिबिम्ब नहीं भय जातीय स्वरुपक छथि  आ एकर प्रभाव  कार्यकर्त्ता क  मानसिकता अपर सेहो छैक. एहेन संगठन क बीच तालमेल स ख़ास लाभ नहीं हेतैक 
दोसर किछु संगठन आ व्यक्ति १९५०क गलती (नेपाली मिथिला क्षेत्र क ) मांग करैत छथि  आ हम सब एकर विरोधी छी - ओही पर हमर संगठन ( अंतर्राष्ट्रीय मैथिलि सम्मलेन १९९३ आ मिथिला राज्य संघर्ष समिति १९९५ ) के नाम सरेआम चोरी के लेने छथि . सामने भेटलाह पर मीठ बात करताह  - हुनका सबस की ताल मेल - ओहुनाओ सब एक शहर आ  छोट  क्षेत्र  में सीमित छथि ,जेना कहल क्षेत्र बहुत पैघ छैक बहुत युवा के जोरक  अच्छी तखन प्रांत बनत 

३. मिथिलालिपि के प्रयोग बहुत कम भ गेल अछि ताहि लेल अपने किछ  क रहल छी की ?

- आब एक पाछाँ पड़क समय नहीं छैक , ओना सीखक जरूर चाही  मुदा मराठी, नेपाली सेहो संस्कृतक लिपि देवनागरमें लिखल जैत छैक केवल मैथिली नहीं 

४. मिथिला अलग राज्य हुए ताहि बातक ख्याल कहिया आ केना एल अपनेक मोन में   ?  

- १९९२ में जखन हम लालू सरकार द्वारा मैथिली के लोक सेवा योग स हान्तेला पर  रांची एक्सप्रेस में एक  विरोध्पत्र लिकी कार्यकर्त्ता बन्ल्न्हू - हमरा लागल बिना मिथिला प्रांत के मैह्तिली सुरक्षित  नहीं रहतीह आ मैथिल सेहो आ २०.९.१९९२ क पैघ लेख हमर एही विषय पर ओताही छपल - एकर बाद  जयकांत बाबू के सहमत केलियेन्ही आ काज  संगठन कार्य  अनवरत चलि रहल अछि 

5. जे अलग मिथिला लेल संघर्ष क रहल छैथ हुनका सब  लेल  अपने के कह्बेन?

- मिथिला क मांग सनातन सकृति पर आधारित छैक आ आर्थिक पहलु सेहो छैक , ई बुझि लंबा समय तक काज करक मानसिकता बनेबाक चाही 
अनुशाशन आ चरित्र रक्षण भेनही   आन्दोलन सफल होयत  

६. मिथिला के आगू में सब स पैघ बाधा की अछि? आ केना दूर हैत ?

- जन जागरण क आभाव - गाम-गाम जय पड़त- नब नब नेता बांबे पडत 

७. मिथिला राज्य आ  मैथिली भाषा के लेल अपने  कतेक संगठन स जुडल छी?

- हमर  आब  एकहि संगठन अछि- अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् आ एकर उपांग किछु संगठन यथा मिथिला राज्य संघर्ष समिति 
ओना हमरा कोनो संगठन बजबैत अछि  त  जाइत छि
 (अपन बनावल आन संगठन सेहो  कई एक  बेर   नहि बजबैत अछि एहनो भेल अछि  मुदा आब एकर हमरा दुःख नहीं होइत अछि, एही स बांचल समय अधिक उपयोगी नब जगह हम भगवती कृपा स लगा लेत छी  आ तहिना यदि कोनो बहुत दिन  संग रहल कार्यकर्त्ता अलग हो इत छथि तकरो  आब प्रभाव नहीं होइत अछि आ सोचैत  छि  आखिर किछहूँ   करताह मिथिला -मैथिली जरूर करैत रहताह   भनहि हम एही स अलग भय जाई कारण हमर जुडाव  मूलतः एही लेल नहीं भेल छल मुदा ओ सब  त एही  मिथिला _मैथिली लेल हमरा स जूरलाह  इ हुनक  प्रवृत्ति छनि ओ  मिथिला मैथिली करबे करताह  आ हमहूँ  एही मिथिला आन्दोलन के ओतय तक ल  आयल छि जे ' हम रही या नहीं रही' मिथिला बनि के रहत
हम स्वयं सेहो काज करी या नहीं मिथिला बनि के रहत  ) 

Dr. Dhanakar  Thakur
Spokesman,Antarrashtriya Maithili Parishad

0 पाठकक टिप्पणी भेटल - अपने दिय |:

एक टिप्पणी भेजें

II श्री सरस्वत्यै नमः II

II श्री सरस्वत्यै नमः II
ॐ शुक्लांब्रह्मविचारसार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं I वीणापुस्तक धारिणींमभयदां जाड्यान्ध्कारापहाम् II हस्तेस्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मसनेसंस्थितां I वन्देतांपरमेश्वरींभगवतीं बुद्धिप्रदाम शारदाम् II

माछक महत्व


हरि हरि ! जनम कि‌ऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पल‌इ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कब‌इ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खा‌एब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म कि‌ऎ लेल !
हरि हरि.



पग पग पोखैर पान मखान , सरस बोल मुस्की मुस्कान, बिद्या बैभव शांति प्रतिक, ललित नगर दरभंगा थिक l

कर भला तो हो भला अंत भले का भला

समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हमअहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........

अहांक स्वागत अछि.अहां सभ अपन विचार... सुझाव... कमेंट(मैथिली या हिन्दी मै ) सं हमरा अवगत कराउ.त देर नहि करु मन मे जे अछि ओकरा लिखि कs हमरा darbhangawala@gmail.com,lalan3011@gmail.com पर भेज दिअ-एहि मेल सं अहां अपन विचार... सुझाव... कमेंट सं हमरा अवगत कराउ. सम्पर्क मे बनल रहुं. ..........

एकता विकास के जननी छै

जय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)


अहाँ अपन अमूल्य समय जे हमर ब्लॉग देखै में देलो तही लेल बहुत - बहुत धन्यवाद... !! प्रेम स कहू" जय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल(बिहार),जय श्यामा माई -

अपना भाषा मै लिखू अपन बात

अपनेक सुझाव वा कोनो नव जानकारी निचा मै जरुर लिखू l

HTML Comment Box is loading comments...
Text selection Lock by Hindi Blog Tips

कतेक बेर देखल गेल