धनाकर ठाकुर जीक साक्षात्कार लेलोऊ मेल आ मोबाइल पर गप क क आँहु हुनकर कहबी परि सके छी बस क्लिक करू
http://www.mithilastate.in/ interview
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१. मिथिलाक मांग एतेक दिन स भ रहल अछि , बनबा में देरी किया ?
बहुत पुरान मांग छैक, क्षेत्र बहुत पैघ छैक, १९५० क दिन क नेता व्यवहारिक मांग नहीं के सत्यात्मक आ जनित भावनात्मक मांग उठा देलथि आ तथापि ओकर्न्हू अनुरूप नहीं सगठन बना बैसी गेलथि ; असरि ई भेल जे प्रांतक मांग भाषाई अधिकारक मांग भय छोट भय गेल- १९९२ स हम एकरा सही राह पर ले जेबाक प्रयत्न के रहल छी . भारत आ नेपाल दूनू दिशी ]मिथिला प्रांत बनत देर जे भय जाय बनत जरूर आ जतेक दिन में कियो सोचि सकैत अछि ओहीस जल्दी बनत -
२. मिथिलाक मांग के लेल बहुत संगठन अछि लेकिन किनको बिच तालमेल नई, कोसो दूर किया ?
-अधिकांश मैथिल कार्यकर्त्ता मिथिला प्रांत क पक्ष में छथि मुदा अधिकंश मैथिल संगठन एही स दूर रही गान-बजवान में लागल पदाधिकारी सरकारक मत्री क आगाँ पाछाँ करक आदि भय गेल छथि
अधिकांश संगठन समाज क प्रतिबिम्ब नहीं भय जातीय स्वरुपक छथि आ एकर प्रभाव कार्यकर्त्ता क मानसिकता अपर सेहो छैक. एहेन संगठन क बीच तालमेल स ख़ास लाभ नहीं हेतैक
दोसर किछु संगठन आ व्यक्ति १९५०क गलती (नेपाली मिथिला क्षेत्र क ) मांग करैत छथि आ हम सब एकर विरोधी छी - ओही पर हमर संगठन ( अंतर्राष्ट्रीय मैथिलि सम्मलेन १९९३ आ मिथिला राज्य संघर्ष समिति १९९५ ) के नाम सरेआम चोरी के लेने छथि . सामने भेटलाह पर मीठ बात करताह - हुनका सबस की ताल मेल - ओहुनाओ सब एक शहर आ छोट क्षेत्र में सीमित छथि ,जेना कहल क्षेत्र बहुत पैघ छैक बहुत युवा के जोरक अच्छी तखन प्रांत बनत
३. मिथिलालिपि के प्रयोग बहुत कम भ गेल अछि ताहि लेल अपने किछ क रहल छी की ?
- आब एक पाछाँ पड़क समय नहीं छैक , ओना सीखक जरूर चाही मुदा मराठी, नेपाली सेहो संस्कृतक लिपि देवनागरमें लिखल जैत छैक केवल मैथिली नहीं
४. मिथिला अलग राज्य हुए ताहि बातक ख्याल कहिया आ केना एल अपनेक मोन में ?
- १९९२ में जखन हम लालू सरकार द्वारा मैथिली के लोक सेवा योग स हान्तेला पर रांची एक्सप्रेस में एक विरोध्पत्र लिकी कार्यकर्त्ता बन्ल्न्हू - हमरा लागल बिना मिथिला प्रांत के मैह्तिली सुरक्षित नहीं रहतीह आ मैथिल सेहो आ २०.९.१९९२ क पैघ लेख हमर एही विषय पर ओताही छपल - एकर बाद जयकांत बाबू के सहमत केलियेन्ही आ काज संगठन कार्य अनवरत चलि रहल अछि
5. जे अलग मिथिला लेल संघर्ष क रहल छैथ हुनका सब लेल अपने के कह्बेन?
- मिथिला क मांग सनातन सकृति पर आधारित छैक आ आर्थिक पहलु सेहो छैक , ई बुझि लंबा समय तक काज करक मानसिकता बनेबाक चाही
अनुशाशन आ चरित्र रक्षण भेनही आन्दोलन सफल होयत
६. मिथिला के आगू में सब स पैघ बाधा की अछि? आ केना दूर हैत ?
- जन जागरण क आभाव - गाम-गाम जय पड़त- नब नब नेता बांबे पडत
७. मिथिला राज्य आ मैथिली भाषा के लेल अपने कतेक संगठन स जुडल छी?
- हमर आब एकहि संगठन अछि- अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् आ एकर उपांग किछु संगठन यथा मिथिला राज्य संघर्ष समिति
ओना हमरा कोनो संगठन बजबैत अछि त जाइत छि
(अपन बनावल आन संगठन सेहो कई एक बेर नहि बजबैत अछि एहनो भेल अछि मुदा आब एकर हमरा दुःख नहीं होइत अछि, एही स बांचल समय अधिक उपयोगी नब जगह हम भगवती कृपा स लगा लेत छी आ तहिना यदि कोनो बहुत दिन संग रहल कार्यकर्त्ता अलग हो इत छथि तकरो आब प्रभाव नहीं होइत अछि आ सोचैत छि आखिर किछहूँ करताह मिथिला -मैथिली जरूर करैत रहताह भनहि हम एही स अलग भय जाई कारण हमर जुडाव मूलतः एही लेल नहीं भेल छल मुदा ओ सब त एही मिथिला _मैथिली लेल हमरा स जूरलाह इ हुनक प्रवृत्ति छनि ओ मिथिला मैथिली करबे करताह आ हमहूँ एही मिथिला आन्दोलन के ओतय तक ल आयल छि जे ' हम रही या नहीं रही' मिथिला बनि के रहत
हम स्वयं सेहो काज करी या नहीं मिथिला बनि के रहत )
Dr. Dhanakar Thakur
Spokesman,Antarrashtriya Maithili Parishad
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