उठू उठू मैथिल यौ भ गेल भोर यौ
कहबै छि कीया हम सब आबो मुहं चोर यौ -२
सौसे जग मै मैथिल भाई छैथ हर जगह पर पसरल
तैयो किया नै राखै छैथ एक दोसर स मतलब -२
आब नै सुतू जागू अहां, अधिकारक लेल लरु अहां
सब किछु मै छि हम सब आगु -2
तखन किया मुहं चोर यौ"
उठू उठू मैथिल यौ भ गेल भोर यौ ,
कहबै छि कीया हम सब आबो मुहं चोर यौ -२
हर क्षेत्र मै मैथिल भाई छैथ सब जगह पर पहुंचल
सचिवालय स सौचालय तक सब जगह पर बैसल
प्रेम भाब अभावाक कारन-२
हम सब एतेक कमजोर यौ "
उठू उठू मैथिल यौ भ गेल भोर यौ , कहबै छि कीया हम सब आबो मुहं चोर यौ -२
रचनाकार :- ललन चौधरी ( दरभंगावाला )
कहबै छि कीया हम सब आबो मुहं चोर यौ -२
सौसे जग मै मैथिल भाई छैथ हर जगह पर पसरल
तैयो किया नै राखै छैथ एक दोसर स मतलब -२
आब नै सुतू जागू अहां, अधिकारक लेल लरु अहां
सब किछु मै छि हम सब आगु -2
तखन किया मुहं चोर यौ"
उठू उठू मैथिल यौ भ गेल भोर यौ ,
कहबै छि कीया हम सब आबो मुहं चोर यौ -२
हर क्षेत्र मै मैथिल भाई छैथ सब जगह पर पहुंचल
सचिवालय स सौचालय तक सब जगह पर बैसल
प्रेम भाब अभावाक कारन-२
हम सब एतेक कमजोर यौ "
उठू उठू मैथिल यौ भ गेल भोर यौ , कहबै छि कीया हम सब आबो मुहं चोर यौ -२
रचनाकार :- ललन चौधरी ( दरभंगावाला )
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