दहेज ! दहेज !! दहेज !!!
खोखरै छै मिथिलाक करेज ,
कहिया करबै यौ बाबू भैया अई स परहेज |
जेकरा छै बेटी तेकरे किया तुटतै करेज ?
पाइल पोसी क नमहर केलकै
ओकरा में कतेक संस्कार भरलकै |
अपन दिल के टुकड़ा दोसर के नौछाबर केलकै ,
काटि क अपन करेज |
दहेज दहेज दहेज , खोखरैछै मिथिलाक करेज !!
जउ दहेज़ लेबै के बेर सोचबै ( एकटा बेटी बला बनि क )
दहेज़ नै लेबै हम ,
अप्पन सबटा सौख सेहन्ता पूरा करबै "
अहाँके जे जुरै से आहाँ पूरा करू
हमरा नै चाही दहेज़ " हमरा नै चाही दहेज़ |
अहाँक लक्छमी रूपी संस्कारी बेटी स "
हमर कुल के बढ़तै मान सम्मान "
इहै भेलै सबसँ बरका मान दान
दहेज़ दहेज़ दहेज़
हम त केलिये परहेज
अहु सब करियौ यौ बाबू भैया दहेज़ सॅ परहेज |
कहिया तक खोखरबई मिथिला के करेज |
दहेज़ दहेज़ दहेज़ इ राक्षस रूपी दहेज़ इ राक्षस रूपी दहेज़ ||
जय हो दहेज़ मुक्त मिथिला ||
जय मिथिला जय मैथिली ||
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हम
अहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
अहांक स्वागत अछि.अहां सभ अपन विचार... सुझाव... कमेंट(मैथिली या हिन्दी मै ) सं हमरा अवगत कराउ.त देर नहि करु मन मे जे अछि ओकरा लिखि कs हमरा
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एकता विकास के जननी छैजय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
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