मिथिला के हमरा जनतबे सब स अलग और सब स हटि क 'दहेज मुक्त मिथिला" एही सालक अंतिम कार्यक्रम छल | (२८/१२/१०१४ )
जे पहिने हमर पूर्बज सनेस और उपहार देने छलखिन , आई उ दहेज़ भ गेल |
दहेज़ - दहेज़ - दहेज़ आबो नै करबै सब गोटे एहि स परहेज ?
जखन कि बहुतो गोटे के दहेजक कारन घर में , अपन अर्धाग्नी स टूटै या करेज |
बात बात पर सर्मिंदगी महसूस करैत होयब , लाख कमा खटा क द देबै, सब
सेहन्ता पूरा देबै , तैयो जउ लेने हेबै दहेज़ तखन टुटबे करत करेज |
अहाँ मजबूर भ गेल होयब लेकिन अपन बच्चा के एहि स बचाबु | जागु जागु जागु आबो जागु नै त बहुत देर भ जायत |
मिथिला के एहि श्राप स मुक्त करू भाई मुक्त करू |
संग संग सब गोटे के अंगरेजिया नव वर्षक हार्दिक शुभकामना ||||||||||
Happy New Year ........
जय मिथिला जय माँ जानकी ||
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हम
अहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
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एकता विकास के जननी छैजय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
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