अहो भाग्य अछि हमर जन्म लेलौ मिथिला माए के कोरा में !!
एहन निश्छल आ बत्सल प्रेम भेटत नए चाहुओरा mइ
प्रकृति केर सुन्दर उपहार ,संस्कृति केर बिराट संसार !!
मानबता केर सर्बोतम ब्याबहार मिथिलाक मुलभुतआधार !!
राम रहीम मंदिर मस्जिद दसहरा होई या ईद क रित !!
मिथिलावासी हिदू होई या मुस्लिम एक दोसर स:करैछैथ प्रीत !!
मिथिलाक पसु पंछी सेहो जनैत अछि प्रेमक परिभाषा !!
मधुरों स:मधुर अछि मिथिलाक मैथिलि भाषा !!
ज्ञान सरोबर एतिहासिक धरोहर अछि मिथिलाक संस्कृति !!
मन मग्न भजईत अछि देख क सुन्दर आ मनोरम प्रकृति !!
मिथिले में जन्म लेलैथ सीता केर रूप में माए भगवती !!
महाकवि विद्यापति केर चाकर बनला महादेव उमापति !!
वैदेही केर सुन्दरता पर मोहित भेलैथ भगवान राम !!
बसुधा केर हृदय बनल अछि हमर महान मिथिलाधाम !!
कहैछैथ शास्त्र पुराण विद्वान पंडित आऔर प्रोहित !!
मिथिलावासी क दर्शन स:मात्र भजाईत अछि !!
मनुख क सम्पूर्ण पाप तिरोहित !!
रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हम
अहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
अहांक स्वागत अछि.अहां सभ अपन विचार... सुझाव... कमेंट(मैथिली या हिन्दी मै ) सं हमरा अवगत कराउ.त देर नहि करु मन मे जे अछि ओकरा लिखि कs हमरा
darbhangawala@gmail.com,lalan3011@gmail.com पर भेज दिअ-एहि मेल सं अहां अपन विचार... सुझाव... कमेंट सं हमरा अवगत कराउ. सम्पर्क मे बनल रहुं. ..........
एकता विकास के जननी छैजय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
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