पूरा मुंबई बुझू जे मैथिलामय भ गेल , और सबटा कार्यक्रम स हटी क किछु
अलग जे २८/१२ के दहिसर में अई, दहेज मुक्त मिथिला के तरफ स " समाज में बहुत
रास समस्या अईछ । दहेज़ मिथिला के लेल एकटा मूल समस्या अईछ , बहुत कम
संस्था छै जे वर्तमान के तकलीफ पर ध्यान दैत छथिन | कोनो समस्या के
निराकरण के लेल समाजक सब वर्ग के चिंतन करब जरुरी । इ महायज्ञ में अपन
उपस्थिति दर्ज कराऊ। इतिहासिक क्षण के गवाह बनू।
सबगोटे के सबजाना
हकार, स परिवार अई कार्यक्रम में उपस्थित भ सामाजिक कुप्रथा स मुक्ति लेल भ
रहल प्रयाश में सहयोग दी आ मैथिली उत्क्रिस्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम के
आनंद ली। एक स बढ़ी क एक कलाकार सब आबि रहल छैथ , समय पर आबि कार्यक्रम के
सफल बनाबी |
जय मिथिला,जय दहेज मुक्त मिथिला के सदस्य लोकैन,जय माँ जानकी ||
माछक महत्व
हरि हरि ! जनम किऎक लेल ?
रोहु माछक मूड़ा जखन पैठ नहि भेल ?
मोदिनीक पलइ तरल जीभ पर ने देल !
घृत महँक भुजल कबइ कठमे ने गेल !
लाल-लाल झिंगा जखन दाँ तर ने देल !
माडुरक झोर सँ चरणामृत ने लेल !
माछक अंडा लय जौं नौवौद्य नहि देल !
माछे जखन छाड़ि देब, खाएब की बकलेल!
सागेपात चिबैबक छल त जन्म किऎ लेल !
हरि हरि.
कर भला तो हो भला अंत भले का भला
समस्त मिथिलांचल वासी स निवेदन अछि जे , कुनू भी छेत्र मै विकाश के जे मुख्य पहलू छै तकर बारे मै बिस्तार स लिखैत" और ओकर निदान सेहो , कोनो नव जानकारी या सुझाब कोनो भी तरहक गम्भीर समस्या रचना ,कविता गीत-नाद हमरा मेल करू हम
अहांक सुझाब नामक न्यू पेज मै नामक और फोटो के संग प्रकाशित करब ज्ञान बाटला स बढैत छै और ककरो नया दिशा मिल जायत छै , कहाबत छै दस के लाठी एक के बोझ , तै ककरो बोझ नै बनै देवे .जहा तक पार लागे एक दोसर के मदत करी ,चाहे जाही छेत्र मै हो ........
अहांक स्वागत अछि.अहां सभ अपन विचार... सुझाव... कमेंट(मैथिली या हिन्दी मै ) सं हमरा अवगत कराउ.त देर नहि करु मन मे जे अछि ओकरा लिखि कs हमरा
darbhangawala@gmail.com,lalan3011@gmail.com पर भेज दिअ-एहि मेल सं अहां अपन विचार... सुझाव... कमेंट सं हमरा अवगत कराउ. सम्पर्क मे बनल रहुं. ..........
एकता विकास के जननी छैजय मैथिली, जय मिथिला, जय मिथिलांचल (बिहार)
0 पाठकक टिप्पणी भेटल - अपने दिय |:
एक टिप्पणी भेजें